Akshdeep : अक्ष्दीप के आते ही इंग्लैंड टीम को अपनी औकात याद दिला दी और अक्ष्दीप ने ऐसा क्या किया की England Team के लिए बहुत जियादा पदेशानी हो रही है जाने आगे | भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही सीरीज में भारत की ओर से अब तक चार खिलाड़ी डेब्यू कर चुके हैं। सबसे पहले डेब्यू किया Rajat Patidar ने। फिर Sarfaraj और ध्रुव जुड़े हैं और अब इस लिस्ट में सबसे लेटेस्ट नाम जुड़ा है Akshdeep का। रांची टेस्ट में टीम इंडिया के Akshdeep 313 में खिलाड़ी बने और जोरदार डेब्यू किया और दिन के पहले सेशन में वो अकेले England पर टूट पड़े। तीन विकेट निकाले और England के होश उड़ा दिए। वैसे 27 साल के Akshdeep की टीम इंडिया में डेब्यू करने की कहानी बेहद दिलचस्प है। बंगाल के लिए खेलने वाले बिहार के Akshdeep को झारखंड के रांची टेस्ट में डेब्यू करने का मौका उनके घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन की वजह से मिला। इस सिलेक्शन के बाद “Akshdeep” ने कहा कि उन्हें इतनी जल्दी नैशनल टीम में शामिल होने की उम्मीद नहीं थी। पिछले सीजन में बंगाल और भारत की तरफ से लाल गेंद की क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले Akshdeep ने अपने करियर की शुरुआत टेनिस बॉल क्रिकेट से की थी। Akshdeep ने अपने पहले के दिनों को याद करते हुए कहा कि बिहार में तब क्रिकेट के लिए कोई स्टेज नहीं था।
Akshdeep की कहानी जाने ?
खासकर सासाराम में जहां का रहने वाला हैं , वहां क्रिकेट खेलना अपराध माना जाता था। कितने ही माता पिता अपने बच्चों से कहते थे कि Akshdeep से दूर रहो, वह पढ़ाई नहीं करता और उसकी संगत में रहकर बिगड़ जाओगी। Akshdeep के पिता भी आकाश के क्रिकेट खेलने के खिलाफ थे। आकाश के पिता उन्हें सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाओं में भाग लेने के लिए कहते थे। ऐसे में आकाश पिता के कहने पर सरकारी नौकरी की परीक्षा देने जाते तो थे मगर खाली फॉर्म जमा करके वापस आ जाते थे, क्योंकि उन्हें सरकारी नौकरी नहीं बल्कि क्रिकेट से प्यार था। उन्हें फाइलों से ज्यादा पिच पर गेंद फेंकने से प्यार था। मगर इस बीच उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जब आकाश ने छह महीने के अंदर अपने पिता और बड़े भाई दोनों को खो दिया, जिससे सारे परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई। यहां आकाश दीप का इकलौता सहारा बना क्रिकेट, जिसके दम पर आज आकाश एक सेटल लाइफ लीड कर रहे हैं। मगर पिता और भाई को खोने के बाद आखिर आकाश की मदद किसने की? किसने जगाये आकाश के मन में विश्वास कि यू कैन डू इट। तो एक दोस्त की मदद से आकाश को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में क्लब की तरफ से खेलने का मौका मिला। मगर इनकम कुछ खास नहीं होती थी। आकाश की असली कमाई टेनिस बॉल क्रिकेट से होती थी। Akshdeep महीने के तीन या चार दिन टेनिस बॉल क्रिकेट खेला करते थे, जिससे उन्हें हर दिन ₹6,000 तक मिल जाते थे और इस तरह से महीने में वह 20,000 तक कमा लेते थे। टेनिस बॉल से बॉलिंग करते करते आज आकाश ने भारतीय क्रिकेट टीम में एंट्री पाई है और जैसे ही कोच राहुल द्रविड़ ने उन्हें उनका डेब्यू कर दिया तो क्या लेकर आकाश सबसे पहले अपनी मां के पास गए और उनका पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया और फिर मां का आशीर्वाद लेकर इंग्लैंड की खाट खड़ी कर डाली। लड़के ने दाएं हाथ के मीडियम पेसर Akshdeep को इससे पहले लिमिटेड ओवर स्क्वॉड में भी शामिल किया गया था। उन्हें एशियन गेम्स और साउथ अफ्रीका टूर के लिए भी टीम में रखा गया था, लेकिन डेब्यू करने का मौका नहीं मिला। बंगाल की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले Akshdeep ने हाल ही में इंडिया की ओर से खेलते हुए इंग्लैंड लायंस के खिलाफ तीन मैचों की अनऑफिशियल टेस्ट सीरीज में अपनी धारदार गेंदबाजी से सिलेक्टर्स को प्रभावित किया और टेस्ट टीम में अपने लिए जगह बनाई, दावेदारी पेश की और जैसे ही मौका मिला अपने दोनों हाथों से उस मौके को उन्होंने लपक लिया।
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