iPhone 16 View : एक iPhone लॉन्च होता है तो अगले iPhone की बात होनी शुरू हो जाती है। सुनने में यह आ रहा है कि iPhone 16 में ग्राफीन का इस्तेमाल होगा। कूलिंग के लिए अब क्या होगा? तो यह बात है कि iPhone 15 Pro के मॉडल्स हैं वह हीट होते, हीट जनरेट करते हैं। स्मार्टफोन इस कदर गरम हो रहे हैं अब क्यों उनको ठंडा करने के लिए कोई नॉर्मल मैटेरियल इस्तेमाल किया नहीं जा सकता। अब गरम क्यों हो रहे हैं? देखो, आप कितना भी पावरफुल फोन बना लो, लेकिन आपके पास स्पेस तो लिमिटेड है। कितना भी पावरफुल मोबाइल फोन है, इतने ही बॉडी में डालना है उसे। बहुत पावरफुल प्रोसेसर है। नैनोमीटर नीचे चले जा रहे हैं। पावर अब ऊपर चली जा रही है। एकदम UP हो जा रही है। पावर एफिशिएंसी भी करनी है, लेकिन वह गरम भी हो रहा है। तो उस गर्मी का करें क्या?
अब यह सोचिए कि कोई ट्रैक्टर का इंजन बड़े ट्रैक्टर का इंजन किसी छोटी कार में डाल दिया जाए। क्या होगा वह कार टूट जाएगी। क्या होगा? वह कार बहुत गरम होगी। वह उसकी बॉडी छोटे कार की। वह ट्रैक्टर के बड़े इंजन को हैंडल नहीं कर पाएगी। सेम स्मार्टफोन है तो वही साइज के जो आज से पहले थे लेकिन उनके अंदर का प्रोसेसर, उनकी मशीनरी वह सब बहुत पावरफुल बनाई दी बना दी जा रही है। वह हीट जनरेट कर रहे हैं। बॉडी छोटी है, हीट निकलने की जगह नहीं तो नॉर्मल। जो कूलिंग मैकेनिज्म है, वह काम ही नहीं करता। तब ग्राफीन का खेल आता है। अभी ऑफिशियली अनाउंस नहीं हुआ है कि ग्राफीन इस्तेमाल होगा। लेकिन लोग बोल रहे हैं तो मैंने सोचा इस मटीरियल के बारे में बात करते हैं। ग्राफीन होता क्या है? सॉफ्ट प्योर कार्बन मटीरियल है, जो कि हमारे दिनचर्या में इस्तेमाल करने वाली एक बहुत ही कॉमन चीज से निकाला जाता है। ग्रेफाइट जी हां, आपकी पेंसिल जो होती है ना। उसके अंदर की जो लीड होती है वह ग्रेफाइट होता है। उसके अंदर से ग्राफीन निकाला जाता है जो कि एल्युमीनियम से भी बहुत लाइट होता है। लेकिन यह थर्मल कनेक्टिविटी में टॉप होता है यानी कि यह गर्मी को बहुत जल्दी बाहर निकाल देता है। कूलिंग के लिए इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जा सकता है। बहुत अच्छे से इस्तेमाल किया जा सकता है। बहुत हल्का है, हल्का तो है मतलब iPhone के लिए यह वेट नहीं बढ़ेगा। यह जल्दी ऐसे हीट को निकालता है। मतलब अगर इसकी पतली सी शीट iPhone के बैक पर इस्तेमाल की जाए तो जो आईफोन हीट जनरेट कर रहा है उसे तुरंत बाहर निकाल देगा।
क्योंकि iPhone का बैक अगर मेटल का है, जिस भी मटीरियल का है उस पर ग्राफीन लगा हुआ है तो हीट फोन में अंदर नहीं रुकेगी। हां, जनरेट तो iPhone करेगा भी कुछ। उसमें बहुत पावरफुल प्रोसेसर है और iPhone 16 में तो बहुत ही पावरफुल प्रोसेसर होगा। उसमें कैपेबिलिटीज होंगी। नेक्स्ट iPhone में तो हीट क्या ग्राफीन बाहर निकालने में मदद करेगा। एक्टिव पैसिव कूलिंग में बहुत ज्यादा कारगर साबित हुआ है। तो आइए बात करते हैं ग्राफीन के इस्तेमाल से iPhone कैसे इंप्रूव होगा। और सिर्फ iPhone ही नहीं बहुत सारे जो स्मार्टफोन आएंगे जो कि बहुत पावरफुल होंगे उनको कूलिंग करने के लिए भी ग्राफीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। और क्यों? आइए जानते हैं। ग्राफीन का इस्तेमाल करके परफॉर्मेंस को बूस्ट किया जा सकता है। जिन्हें ग्राफीन का इस्तेमाल करने से प्रोसेसर ज्यादा फास्ट काम करेगा या ज्यादा प्रोसेसिंग करेगा नहीं। कोई भी प्रोसेसर जब काम करता है तो हीट जनरेट करता है और आपको मालूम है जैसे ही हीट जनरेट होती है तो आपका जो प्रोसेसर है उसकी परफॉर्मेंस डाउन हो जाती है। प्रोसेसर की सबसे जो दुश्मन वाली चीज है ना, सबसे बड़ा दुश्मन है वह हीट है और यह सिद्धांत हर मशीन पर लागू होते हैं जिसमें प्रोसेसर है जैसे कि आपका कंप्यूटर, आपका लैपटॉप, मोबाइल फोन, टैबलेट, सुपर कंप्यूटर कुछ भी वॉट एवर। अगर उसमें हीट हो रही है, ज्यादा गर्म हो रहा है तो उसकी प्रोसेसिंग पावर चौथाई या उससे भी ज्यादा कम हो जाएगी। और आपका गेम जो कभी बहुत स्मूद चला करता था, वह लैक करने लगेगा।
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