Makar Sankranti का त्यौहार क्यों मनाते है लोग?

जैसे कि आप जानते हैं भारत में शुरुआत के समय से ही प्रकृति को देवों का स्थान दिया गया है और मकर संक्रांति का त्योहार जो है वह भी प्रकृति को भी समर्थ है दरअसल यह पूरी तरह से वैज्ञानिक त्यौहार है और सूर्य की स्थिति जो बदलती है उस कारण से इस त्यौहार को मनाया जाता है जैसे कि आप जानते हैं कि सनातन धर्म और हिंदू धर्म में परंपरा और मान्यता है वैज्ञानिक दृष्टि कौन से बनाई गई है, मकर संक्रांति को भारत में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाने जाते है और अलग-अलग तरीकों से मनाये जाते  है गुजरात में मकर संक्रांति को लोक उत्तरायण के नाम से जानते हैं और वही बिहार, झारखंड और राजस्थान में इसे सकरात कहा जाता है तमिलनाडु में से पुंगल के रूप में जाना जाता है आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, और केरल में  संक्रांति के नाम से जाने जाते  है और उत्तर प्रदेश में कहीं इसे खिचड़ी के नाम से भी जानते  है Click Here 
Makar Snakranti
Makar Snakranti 2024

इसका क्या कहानी है मैं आपको पूरा बात बताता हूं ?

हिंदू धर्म में माह को दो पक्षों में बांटा गया है कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष  ठीक इसी तरह से ही वर्ष को भी दो अयोनो नो से बाटा गया है एक है उत्तरायण और दूसरा है दक्षिणायन और जब दोनों को मिला दिया जाता है तो एक वर्ष पूरा हो जाता है मकर संक्रांति के दिन सूर्य के उत्तरायण गति प्रारंभ हो जाती है इसलिए मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं मास में जब सूर्य धनु-राशि को छोड़कर मकर-राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है क्योंकि सूर्य जो है वह धनु-राशि से मकर-राशि में प्रयोग करता है इसीलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जिसे संपूर्ण भारतवर्ष में मनाये जाते हैं  हर साल जनवरी के 14 तारीख को मनाया जाता है और Makar Sankranti 2024 में 15  जनवरी को मनाया जायेगा और इस त्यौहार को मनाने के पीछे सारे वैज्ञानिक कार्य ही है इसके अलावा कुछ धार्मिक मान्यताएं भी है जैसे कि हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने असरो का अंत करके उसके सिरों को मंदार पर्वत में दबा कर युद्ध की समाप्ति की घोषणा की थी, इसीलिए मकर संक्रांति के दिन बुराई और नकारात्मक को खत्म करने का दिन भी कहते हैं | कहीं-कहीं जगह इस पर्व में पतंग उड़ाने का भी परंपरा होता है पूरे भारत में इस त्यौहार को हर सोलश से मनाया जाता है मकर संक्रांति मनाने का मुख्य कारण यही है | मकर संक्रांति कुछ बाते ये भी है जिससे आपको जनना चाहिए इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा है. मकर संक्रांति के दिन ही मां गंगा ने राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष प्रदान किया था. इसके अलावा इस दिन सूर्य देवता अपने पुत्र शनि देव से मिलने गए थे. इस दिन ही भीष्म पितामह को भी मोक्ष की प्राप्ति हुई थी |

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है और मकर राशि में प्रवेश करता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. मकर संक्रांति से ही ऋतु परिवर्तन भी होने लगता है. शास्त्रों के अनुसार इस दौरान स्नान-दान से कई गुना फल प्राप्त होता है.

Makar Sankranti Ki Katha | मकर संक्रांति की कथा 

 

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