पूर्व प्रधान मंत्री, P V Narasimha Rao को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान Bharat Ratna (भारत रत्न) से सम्मानित किया गया है। कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता Rao ने तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन के साथ मिलकर 1991 में महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों का नेतृत्व किया, जिससे भारत के आर्थिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया। प्रधानमंत्री मोदी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए भारत की आर्थिक विकास यात्रा में राव के योगदान की सराहना की। राव का राजनीतिक करियर 1991 से 1996 तक भारत के नौवें प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से अलग रहा, जिसके दौरान उन्होंने वैश्वीकरण, उदारीकरण और निजीकरण की अभूतपूर्व नीतियों को लागू करके देश को एक महत्वपूर्ण विदेशी भंडार संकट से बचाया। इंद्र गांधी के वफादार, राव ने कांग्रेस पार्टी के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर 1969 में इसके विभाजन के दौरान। 1991 में लगभग सेवानिवृत्त होने के बावजूद, राव राजीव गांधी की हत्या के बाद सक्रिय राजनीति में लौट आए। परंपराओं को तोड़ने के लिए मशहूर राव के फैसले के अलावा इकोनॉमी मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री नियुक्त करने के राव के फैसले से महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों का दौर शुरू हुआ। इसके अलावा, शासन के प्रति राव के समावेशी दृष्टिकोण का उदाहरण तब मिला जब उन्होंने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विपक्षी नेता अटल बिहारी वाजपेई को भेजा। Click Here
और भी एतिहासिक पड़े Click Here
Chaudhary Charan Singh को PM MODI ने भारत रत्न की घोषणा किया | आज MEERUT के लोग बहुत खुश हैं !